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भारत में डेंटल इम्प्लांट्स की कीमत कितनी होती है?

भारत में डेंटल इम्प्लांट्स की कीमत वैश्विक मानकों की तुलना में किफायती है। यह उच्च-गुणवत्ता वाले ओरल रिहैबिलिटेशन के लिए मरीजों की पसंदीदा चॉइस बनता जा रहा है।


अनुमानित कीमतें

  1. सिंगल डेंटल इम्प्लांट: ₹27,250–₹40,250 (प्रति इम्प्लांट)
    1. इसमें इम्प्लांट, एबटमेंट और क्राउन की कीमत शामिल हो सकती है।
  2. एडवांस्ड विकल्प: ₹40,250–₹80,500 (प्रति इम्प्लांट)
    1. ये इम्प्लांट बेहतर रिकवरी विकल्प या वैश्विक प्रोस्थेटिक सिस्टम्स के साथ अधिक अनुकूलता प्रदान करते हैं, जिससे मेंटेनेंस और रिप्लेसमेंट आसान हो जाते हैं।
  3. फुल माउथ रिहैबिलिटेशन: ₹3,30,000–₹5,75,000
    1. “ऑल-ऑन-4” या “ऑल-ऑन-6” जैसी तकनीकों से एक पूरी आर्च के दांत बहाल किए जा सकते हैं, जो मरीज की ज़रूरतों पर निर्भर करता है।

भारत में डेंटल इम्प्लांट की कीमतों को प्रभावित करने वाले कारक

  1. सामग्री का प्रकार:
    1. टाइटेनियम इम्प्लांट्स: ताकत और बायोकंपैटिबिलिटी के कारण व्यापक रूप से इस्तेमाल।
    1. जिरकोनिया इम्प्लांट्स: मेटल-फ्री, सौंदर्यपूर्ण, लेकिन थोड़ा महंगा।
  2. अतिरिक्त उपचार:
    1. बोन ग्राफ्टिंग: ₹6,750–₹28,750 (उन मरीजों के लिए जिनकी बोन डेंसिटी पर्याप्त नहीं है)।
    1. साइनस लिफ्ट सर्जरी: ₹17,250–₹46,000 (ऊपरी जबड़े के इम्प्लांट्स के लिए, जहां हड्डी की ऊंचाई सीमित होती है)।
  3. प्रोस्थेटिक विकल्प:
    1. कीमत इस पर निर्भर करती है कि इम्प्लांट एकल क्राउन, ब्रिज या डेंचर को सपोर्ट कर रहा है।
  4. क्लिनिक की लोकेशन और विशेषज्ञता:
    1. शहरी क्लिनिक्स या अत्यधिक प्रशिक्षित पेशेवरों वाले क्लिनिक्स में ऑपरेशनल खर्च और उन्नत तकनीक के कारण अधिक कीमत हो सकती है।

डेंटल इम्प्लांट्स एक अच्छा निवेश क्यों हैं?

  1. लंबी उम्र: इम्प्लांट्स दशकों तक चल सकते हैं, जिससे यह अन्य समाधानों की तुलना में अधिक मूल्यवान बनते हैं।
  2. फंक्शनैलिटी: प्राकृतिक चबाने और बोलने की क्षमता को बहाल करते हैं, बिना फिसलने या असुविधा के।
  3. स्वास्थ्य लाभ: हड्डी की हानि को रोकते हैं और समय के साथ चेहरे की संरचना को बनाए रखने में मदद करते हैं।
  4. सुविधा: नियमित ओरल हाइजीन के अलावा विशेष देखभाल की आवश्यकता नहीं होती।

कुछ इम्प्लांट्स अधिक महंगे क्यों होते हैं?

महंगे इम्प्लांट्स निम्नलिखित लाभ प्रदान करते हैं:

  • एडवांस्ड प्रोस्थेटिक विकल्प: क्राउन और ब्रिज का आसान रिप्लेसमेंट या मरम्मत।
  • वैश्विक अनुकूलता: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध प्रोस्थेटिक्स, खासकर उन मरीजों के लिए जो यात्रा करते हैं या स्थानांतरित होते हैं।
  • बेहतर डिजाइन: बेहतर सामग्री या फीचर्स जो सर्जिकल प्रक्रिया और परिणामों को सुधारते हैं।

निष्कर्ष

डेंटल इम्प्लांट्स भारत में एक किफायती और टिकाऊ समाधान हैं, जो लंबी अवधि के ओरल हेल्थ लाभ प्रदान करते हैं। अपनी ज़रूरत और बजट के आधार पर सबसे अच्छे विकल्प के लिए अपने डेंटिस्ट से परामर्श करें।

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